Orchha me ghumne ki jagah | बेतवा के किनारे बसी है ऐतिहासिक नगरी ओरछा

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Orchha me ghumne ki jagah – पूरी दुनिया में भगवान राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” के रूप में पूजा जाता है, लेकिन ओरछा एक ऐसा स्थान है जहां भगवान राम को “राजा राम” के रूप में पूजा जाता है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम को एक राजा के रूप में माना जाता है। ओरछा की स्थापना लगभग 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत रुद्र प्रताप सिंह ने की थी, और यह वेदबा नदी के किनारे स्थित है। यहां से वेदबा नदी साथ भागो में बंट जाती है, जिसे सात धारा कहा जाता है।

ओरछा में आपको कई मंदिर, महल और किले देखने को मिलेंगे। यदि आप ओरछा घूमने की सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल को आखिर तक पड़े ।

1. श्री राम राजा मंदिर – Orchha mai ghumne ki jagah

भगवान राम, जिन्हें “मर्यादा पुरुषोत्तम राम” के नाम से जाना जाता है, को पूरे विश्व में इसी रूप में पूजा जाता है। लेकिन ओरछा एक ऐसा स्थान है जहां भगवान राम को “राजा राम” के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर का निर्माण राजा मधुकर शाह ने 16वीं शताब्दी में करवाया था, जब वे ओरछा में शासन कर रहे थे।

राजा मधुकर शाह की पत्नी ने भगवान राम की भक्ति के कारण अयोध्या से एक मूर्ति लाकर अपने महल में रखी, क्योंकि उस समय मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था। जब मूर्ति को बाद में मंदिर में ले जाने का प्रयास किया गया, तो वह महल से नहीं मिली। इसके परिणामस्वरूप, इस महल को मंदिर में बदल दिया गया और भगवान राम को राजा घोषित किया गया। इसीलिए यहां भगवान राम को “राजा राम” कहा जाता है और आज भी उन्हें एक राजा के समान सम्मान दिया जाता है।

यदि आप ओरछा जाते हैं, तो आपको इस मंदिर में जरूर जाना चाहिए। यहां आपको कई खूबसूरत चीजें देखने को मिलेंगी। प्रतिवर्ष रामनवमी के अवसर पर पूरे भारत से टूरिस्ट  यहां घूमने आते हैं। अगर आप भी इस मौके पर आते हैं, तो आपका अनुभव अच्छा होगा।

2. चतुर्भुज मंदिर ओरछा – Orchha mein ghumne ki jagah

यदि आप ओरछा जाते हैं, तो आपको चतुर्भुज मंदिर अवश्य देखना चाहिए। इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा वीर सिंह द्वारा किया गया था, और इसमें भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस मंदिर का नाम “चतुर्भुज” भगवान विष्णु की चार भुजाओं के कारण पड़ा है।

यह मंदिर देखने में बेहद खूबसूरत है, और इसे बनाने में बहुत ही अच्छे पत्थर का उपयोग किया गया है। मंदिर की ऊंचाई भी काफी impressive है, और यहां भगवान विष्णु की चतुर्भुज मूर्ति स्थापित की गई है।

अगर आप इस मंदिर में जाना चाहते हैं, तो यह रेलवे स्टेशन से करीब है और झांसी एयरपोर्ट से भी नजदीक स्थित है। यहां रहने की व्यवस्था भी आसानी से मिल जाएगी।

3. Jahangir Mahal Orchcha – Orchha m ghumne ki jagah

जहांगीर महल का निर्माण 1605 में राजा वीर सिंह देव द्वारा किया गया था, और इसका निर्माण सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए किया गया था। ये दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे। यह महल देखने में बेहद खूबसूरत है और वर्तमान में इसे टूरिस्ट देखने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं।

इस महल में घूमने के लिए आपको किसी प्रकार का कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है। यह रेलवे स्टेशन के काफी करीब बना है, जिससे आप आसानी से वहां पहुंच सकते हैं। इस महल को अब पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया है। यदि आप ओरछा पहुंचते हैं, तो आपको इस महल में जरूर जाना चाहिए।

4. Raja Mahal Orchcha – Orchha में घूमने की जगह

ओरछा में राजा महल काफी प्रसिद्ध है, जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में रुद्र प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था। यह महल बुंदेली राजाओं का शाही निवास रहा है। राजा महल की वास्तुकला में आपको राजपूत और मुग़ल शैली का मिश्रण देखने को मिलता है, और यहां आपको कई सुंदर चित्र भी देखने को मिलेंगे।

महल की ऊपरी मंजिल से आप बेतवा नदी और आसपास के मंदिरों को  देख सकते हैं। इसके अलावा, महल की दीवारों पर धार्मिक और दैनिक जीवन से जुड़ी चीजों का चित्रण किया गया है।

राजा महल के आसपास कई प्राचीन स्थान हैं, जैसे जागीर महल और चतुर्भुज मंदिर, जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। अगर आप ओरछा जाते हैं, तो यहां जरूर जाएं। अक्टूबर से मार्च का समय यहां यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है,

5. ओरछा किला – Orchha me ghumne ki jagah

ओरछा का किला 16वीं शताब्दी में महाराज रूद्र प्रताप सिंह द्वारा बनाया गया था। यह किला बड़ा और प्राचीन है  जहां आप बुंदेली राजाओं की समृद्धि और उनकी जीवनशैली के बारे में जान सकते हैं।

किले का मुख्य उद्देश्य शाही परिवार की सुरक्षा करना और उनके शासन को मजबूत बनाना था। किला देखने में बेहद खूबसूरत और विशाल है, जो इसे एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस बनाता है। यह झांसी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ग्वालियर के भी पास है।

अगर आप ओरछा जाते हैं, तो आपको इस किले में घूमने जरूर जाना  चाहिए। यह किला अब पुरातत्व विभाग के अधीन है। हालांकि कुछ हिस्से खंडहर में तब्दील हो चुके हैं, फिर भी यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है। यदि आप प्राचीन चीजों के शौकीन हैं, तो यह किला आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव होगा।

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दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको ओरछा में घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह के बारे में बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको घूमने से संबंधित सारी जानकारी मिल गई है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं और हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

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