mahoba me ghumne ki jagah – महोबा, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शहर है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। इसका इतिहास बहुत पुराना है, और इसे पहले महोभ के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम महोबा रखा गया। महोबा का नाम महाबोधि से लिया गया है, जो बौद्ध धर्म से जुड़ा है। यहां आपको कई प्राचीन बौद्ध स्तूप देखने को मिलेंगे।
महोबा का इतिहास चंदेल राजाओं से जुड़ा है, जो 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच के समय का माना जाता है। इस दौरान चंदेल राजाओं ने यहां कई मंदिर और किलों का निर्माण कराया, जिनमें से कुंडलपुर विशेष रूप से काफी पॉपुलर हैं। चंदेलों ने कला और संस्कृति को बहुत बढ़ावा दिया, और यहां के मंदिरों में कई चित्रकलाएं देखने को मिलती हैं।
चंदेलों के इतिहास में पृथ्वीराज चौहान से उनकी लड़ाई भी हुई थी, जिसमें उनका सेनापति आल्हा ऊदल शामिल थे। 11वीं शताब्दी के बाद, जब चंदेल कमजोर होने लगे, तब मुस्लिम आक्रांताओं ने महोबा पर हमला किया और इसे दिल्ली सल्तनत में शामिल कर लिया।
हालांकि, आज भी महोबा में देखने के लिए बहुत कुछ है, और यह अपने इतिहास को संजोये हुए है। अगर आप महोबा जाते हैं, तो आपको आल्हा ऊदल के इतिहास के बारे में जरूर जानना चाहिए, क्योंकि ऐसे वीर योद्धा सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं।
Table of Contents
1. दुल्हादेव शिव मंदिर – mahoba tourist places in hindi
दूल्हा देव मंदिर, उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजाओं ने 10वीं शताब्दी के आसपास किया था। चंदेल राजा भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे, जिसके कारण उन्होंने यह मंदिर बनवाया। महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
दूल्हा देव मंदिर, महोबा से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर के आसपास रुकने और खाने की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। सावन के सोमवार के दौरान, जब सावन का महीना चलता है, तो भारी संख्या में भक्त यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं।
यदि आप महोबा जाते हैं, तो इस मंदिर का दर्शन करना जरूर चाहिए।
2. गोरखगिरी पर्वत – mahoba ghumne ki jagah
गोरखगिरी पर्वत महोबा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध जगह है, जो बहुत सरे इतहास को अपने अंदर समेटे हुए है। यह पर्वत महोबा शहर के करीब स्थित है और बुंदेलखंड की पहाड़ियों का एक हिस्सा है। इस क्षेत्र की ऊंचाई के कारण, यहां से आसपास का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। पर्वत पर हरियाली, चट्टानें और प्राकृतिक खूबसूरती देखने को मिलती है, जो टूरिस्टो को अपनी और खींचता है।
हिंदू धर्म में गोरखगिरी पर्वत को विशेष महत्व दिया जाता है, जहां भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसे गोरखनाथ बाबा का आश्रम भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां ध्यान करने से भक्तों को मानसिक और आंतरिक शांति मिलती है। इसके अलावा, गोरखगिरी पर्वत में प्राचीन गुफाएं और कई मंदिर भी हैं, जो यहाँ की संस्कृति और इतिहास की कहानियों को बयां करते हैं।
यहां पर आप पैराग्लाइडिंग, फोटोग्राफी और योग भी कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप महोबा जाते हैं, तो इस जगह जाना न भूलें।
3. महोबा का किला – mahoba me ghumne wali jagah
महोबा का किला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित एक प्राचीन किला है, जिसका निर्माण चंदेल राजाओं द्वारा कराया गया था। भारतीय इतिहास में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है। कहा जाता है कि इसका निर्माण 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह किला बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक ऊँची पहाड़ी पर बना है, जहां से आसपास का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है।
इस किले के अंदर कई महल और मंदिर हैं, जो इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। किले की दीवारें मजबूत चट्टानों से बनी हैं, जो इसे एक शक्तिशाली और सुरक्षित किला बनाती हैं। यहाँ आपको कई प्राचीन मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी। किले के अंदर आसाराम कुंड और भगवान शिव का गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भी स्थित है, जिसे देखने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। महोबा शहर से निकलने पर आपको यह किला जरूर देखना चाहिए।
4. महोबा के अलाह-उदल – mahoba mein ghumne layak jagah
आल्हा और उदल का इतिहास बहुत अच्छा है, और वे चंदेल राजाओं के प्रमुख सेनापति थे। आल्हा और उदल ने अपने समय में कई लड़ाइयाँ लड़ीं, और उनकी वीरगाथाएं आज भी महोबा क्षेत्र में लोकगीतों के रूप में गाई जाती हैं। इसके अलावा, उन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ एक बहुत भयंकर युद्ध भी लड़ा, जिसमें उदल की मृत्यु हो गई थी, जबकि आल्हा की मृत्यु का कोई पता नहीं चला। ये दोनों भाई थे और चंदेल राजाओं के इतिहास में इनका स्थान महत्वपूर्ण है। आज भी यह माना जाता है कि आल्हा और उदल माँ शारदा के दरबार में रोज पूजा करने आते हैं।
5. अलाह-उदल का मंदिर – mahoba mein ghumne wali jagah
आल्हा और उदल अपने समय के महान योद्धा माने जाते थे, और उनकी याद में एक मंदिर का निर्माण किया गया है। आल्हा और उदल चंदेल राजाओं के समय के प्रमुख योद्धा थे, और उनकी कहानियाँ आज भी लोकगीतों में गाई जाती हैं। इस मंदिर का निर्माण भी प्राचीन काल में हुआ है,
लेकिन इसके निर्माण की सटीक तारीख पता नहीं है। फिर भी, यह मंदिर काफी पुराना है और यहां भारी संख्या में भक्त पूजा करने के लिए आते हैं। इसके अलावा, यहां पर मेला भी आयोजित किया जाता है। यदि आप महोबा जाएं, तो आल्हा उदल के बारे में जानने के लिए इस मंदिर में जरूर जाना चाहिए।
mahoba me ghumne ki jagah final word
दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको महोबा के बारे में सारी जानकारी हिंदी में दी है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि महोबा जाने पर हम कौन-कौन सी जगह घूम सकते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद