vidisha me ghumne ki jagah > मध्य प्रदेश भारत के केंद्र में स्थित है और इसे “भारत का दिल” कहा जाता है। इस राज्य की सुंदरता देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। मध्य प्रदेश में कई दर्शनीय स्थल हैं, जैसे ग्वालियर का किला, कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, और कई अन्य खूबसूरत स्थान। यहां के प्राकृतिक दृश्य, ऐतिहासिक किले और मंदिर, सभी मिलकर इस राज्य को एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाते हैं।
मध्य प्रदेश में कई ऐसी जगहें हैं जहां सैलानियों की भीड़ हमेशा रहती है, और आज हम बात करने जा रहे हैं विदिशा के बारे में, जो मध्य प्रदेश के केंद्र में स्थित है। विदिशा, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह शहर गुप्त साम्राज्य के समय से भी जुड़ा हुआ है।
अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ेंगे, तो हम आपको विदिशा के आसपास घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताएंगे। यहां के ऐतिहासिक स्थल, मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य आपको एक अद्भुत अनुभव देंगे। तो चलिए, जानते हैं विदिशा और इसके आस-पास के आकर्षणों के बारे में।
Table of Contents
1. उदयगिरि गुफाएँ { vidisha me ghumne ki jagah }
उदयगिरि की गुफाएं विदिशा से केवल 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और ये गुफाएं काफी पुरानी हैं। यहां आपको कई भगवान की मूर्तियां देखने को मिलेंगी। कुल मिलाकर यहां 20 गुफाएं हैं, जिनमें से कुछ जैन धर्म से संबंधित हैं, जबकि अन्य में भगवान बुद्ध की मूर्तियां और अन्य धार्मिक चित्रण मौजूद हैं। ये गुफाएं शताब्दी के दौरान बनाई गई थीं।
यहां पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग से जा सकते हैं, और विदिशा से टैक्सी या अन्य परिवहन साधनों का उपयोग कर सकते हैं। उदयगिरि एक प्रसिद्ध स्थल है, इसलिए अगर आप विदिशा जाते हैं, तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए। यहां जाकर आप एक अलग अनुभव हासिल करेंगे।
उदयगिरि सांची के पास भी है, इसलिए यदि आप सांची घूमने का मन बना रहे हैं, तो उदयगिरि की गुफाएं भी आपके यात्रा कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं।
2. बज्र मठ मंदिर { vidisha mai ghumne ki jagah }
बज्र मठ मंदिर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए बहुत प्रसिद्ध है और इसका धार्मिक महत्व भी खासा है। यहां की शांति और सुंदरता आपको बहुत भाएगी।
यह मठ बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा बनाया गया था, और मंदिर के भीतर आपको भगवान बुद्ध की एक भव्य मूर्ति देखने को मिलेगी, जो भक्तों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यह एक प्रमुख ध्यान केंद्र भी है, जहां लोग ध्यान और साधना के लिए आते हैं। मंदिर के चारों ओर की पहाड़ियां और जंगल का नजारा बेहद खूबसूरत है, जो इस स्थान की खासियत को और बढ़ाता है।
यदि आप विदिशा घूमने का मन बना रहे हैं, तो यह मंदिर विदिशा से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप विदिशा से टैक्सी या अन्य परिवहन साधनों का उपयोग करके यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। इस स्थान पर जाकर आपको एक अद्भुत अनुभव मिलेगा, जो आपको हमेशा याद रहेगा।
3. लोहांगी पर्वत { Vidisha tourist Places in Hindi }
लोहांगी पर्वत विदिशा में स्थित एक प्रसिद्ध स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस पर्वत की ऊंचाई से आप आसपास के सारे नजारे देख सकते हैं, और विदिशा का दृश्य भी यहां से अद्भुत लगता है।
यहां पर कई प्राचीन और धार्मिक स्थल हैं, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। लोगी पर्वत विदिशा से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है, और आप यहां स्थानीय परिवहन या टैक्सी के माध्यम से आसानी से जा सकते हैं।
यदि आप विदिशा का दौरा करते हैं, तो इस पर्वत पर जरूर जाना चाहिए। यहां का अनुभव आपको एक नई ऊर्जा और शांति का एहसास कराएगा, जो आपके लिए अविस्मरणीय रहेगा।
4. संची स्तूप { Vidisha is famous for }
सांची का स्तूप मध्य प्रदेश के विदिशा शहर से मात्र 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह एक प्रसिद्ध स्थल है। यहां आपको जैन धर्म से संबंधित चित्रकला और भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी वास्तुकला देखने को मिलेगी।
इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी के आसपास कराया गया था। सम्राट अशोक ने सांची के स्तूप के अलावा यहां भगवान बुद्ध का एक मंदिर भी बनवाया था। सांची का सबसे बड़ा स्तूप, जिसे स्तूप नंबर एक कहा जाता है, यही है। इसे भी सम्राट अशोक ने बनाया था, और यहां आपको भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से संबंधित कई मूर्तियां देखने को मिलेंगी।
सांची स्तूप की वास्तुकला गोलाकार है, जो मिट्टी और पत्थर से बनी हुई है। इस स्तूप में चार दरवाजे हैं, जिन्हें तोरण द्वार कहा जाता है। इन सभी तोरण द्वार पर विभिन्न चित्रों को दर्शाया गया है, जो बौद्ध कथाओं को दर्शाते हैं।
सांची स्तूप बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु और टूरिस्ट आते हैं। दिसंबर के महीने में यहां दो दिन का मेला भी आयोजित किया जाता है। यदि आप इन दो दिनों में सांची आते हैं, तो आपको किसी प्रकार का टिकट नहीं लेना पड़ेगा, क्योंकि इन दो दिनों के लिए सांची स्तूप और मंदिर सभी टूरिस्टों के लिए मुफ्त में खुला रहता है।
5. माला देवी मंदिर ग्यारसपुर
माला देवी मंदिर मध्य प्रदेश के ग्यारसपुर में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी सुंदरता और अद्भुत वास्तुकला के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसका निर्माण नवीं से दसवीं शताब्दी के दौरान पैडमैन राजवंश द्वारा किया गया था।
माला देवी मंदिर की वास्तुकला काफी आकर्षक है, और यहाँ पर आपको कई जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ देखने को मिलेंगी। इन मूर्तियों का विशेष धार्मिक महत्व है। मंदिर में कई श्रद्धालु दर्शन और साधना के लिए आते हैं, और यहाँ का वातावरण शांति से भरा होता है।
यदि आप इस मंदिर का दर्शन करते हैं, तो आपको प्राचीन काल की कई मूर्तियाँ और डिजाइन देखने को मिलेंगी, जो आपको उस समय की घटनाओं को समझने में मदद करेंगी।
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